Sarson ka Saag Recipe in Hindi|जानिए सरसों का साग खाने के फायदे और खास रेसिपी

हम सभी जानते हैं कि भारतीय खाने में Sarson ka Saag Recipe in Hindi के साथ में मक्की की रोटी का अपना अलग ही मजा है। यह व्यंजन न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसके सेहत के लिए भी कई फायदे हैं। सरसो का साग में बथुआ को मिलाकर आप अपने रसोई में बड़े आसानी से बना सकती हैं। सर्दियों के समय में सरसो का साग बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। तो बिना देर किये आइए जानते हैं कि सरसों का साग खाने के क्या-क्या फायदे हैं और इसकी खास रेसिपी क्या है।

Sarson ka Saag Recipe in Hindiसरसों का साग खाने के फायदे-

1. पौष्टिक

सरसों के साग में विटामिन्स, मिनरल्स, और फाइबर की अच्छी मात्रा मिलती है, जो आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह आपको ऊर्जा देता है और आपकी दिनचर्या को आपके अनुकूल रखता है।

2. पाचन में मदद

सरसों के साग में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे आपकी पाचन क्रिया में सुधार होता है। यह आपको कब्ज से राहत दिलाता है और पेट की समस्या को दूर करता है।

3. वजन नियंत्रण

सरसों के साग के सेवन से वजन नियंत्रण में मदद मिलती है। इसमें कम कैलोरी और अधिक पोषण होता है, जिससे वजन को कंट्रोल किया जा सकता है।

4. विटामिन C का अच्छा स्रोत

सरसों के साग में विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देती है और आपको सर्दी-जुकाम से बचाती है।

सरसों के साग की खास रेसिपी-

तैयारी का समय 10 मिनट
पकने का समय 35 मिनट
कुल समय 45 मिनट
कितने लोगों के लिए 2 लोगों के लिए

सरसों के साग के लिये सामग्री-

सरसों के साग 500 ग्राम
पालक के साग 250 ग्राम
बथुआ साग 250 ग्राम
प्याज 2 बड़े चोटे कटे हुए
टमाटर 2 छोटे कटे हुए
हरी मिर्च 2 छोटी कटी हुई
हल्दी पाउडर 1/2 छोटी चम्मच
लहसुन 5-6 कलियाँ, कटी हुई
अदरक 1 छोटी चम्मच, कटा हुआ
मैथी दाना 1 छोटी चम्मच
जीरा 1/2 छोटी चम्मच
मकई आटा 2 चम्मच
नमक स्वादानुसार
तेल या घी  2 चम्मच

सरसो का साग बनाने की विधि-

और देखें-Palak Paneer Recipe in Hindi|घर पर बनायें होटल जैसी पालक पनीर रेसिपी

  1. सबसे पहले, सरसों, पालक और बथुआ के साग को अच्छे से धोकर कद्दूकस कर लीजि।
  2. अब, एक प्रेशर कुकर में सरसों के साग, प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, हल्दी पाउडर, लहसुन, और अदरक डालकर 2 सीटीज़ लगाएं।
  3. इसे 8 से 10 मिनट पकायें जबतक कि साग नरम न हो जाये।
  4. अब इसमें मकई का आटा डालकर अच्छी तरह मिला लें।
  5. प्रेशर कुकर से बाद में, एक छोटे से कढ़ाई में घी या तेल को गरम करके उसमें जीरा और मैथी दाना डालें और थोड़ी देर के लिए तलें।
  6. अब, प्रेशर कुकर में पके हुए साग को कढ़ाई में डालकर अच्छी तरह से मिला लें।
  7. आपका Sarson ka Saag Recipe in Hindi बनकर तैयार है। इसे मक्की के रोटी और गुड़ के साथ परोसें और आनंद लें।
    सरसों के साग का सेवन गर्मा गरम परोसे, बाजार से लाये हुए ताजा मक्के के रोटी के साथ, यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है और स्वादिष्ट भी होता है।

निष्कर्ष-

सरसों के साग का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें पौष्टिकता, पाचन संबंधित फायदे, और विटामिन C के स्रोत होते हैं। इसके साथ ही, यह वजन नियंत्रण में भी मदद करता है और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। तो, अब आप जानते हैं कि सरसों के साग के सेवन से आपको कितने सारे फायदे हो सकते हैं।

FAQ-

सरसों के साग खाने से क्या फायदा है?

सरसों के साग के सेवन से कई फायदे हो सकते हैं-
1.सरसों के साग में विटामिन्स (विटामिन सी, विटामिन ए), मिनरल्स (कैल्शियम, आयरन), और फाइबर होता है, जो आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ कर सकता है।
2.सरसों के साग का सेवन पाचन प्रणाली को सुधार सकता है और पेट संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
3.सरसों के साग में कम कैलोरी होती है और अधिक फाइबर होता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
4.इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
5.सरसों के साग में लौह होता है, जो शरीर में खून की गर्मी को कम करने में मदद कर सकता है।
सरसों के साग को नियमित रूप से खाने से आपकी सेहत में सुधार हो सकता है और आपको विभिन्न बीमारियों से बचाव मिल सकता है।

सरसों का साग कब खाया जाता है?

सरसों का साग भारतीय उपमहाद्वीप में सर्दियों के मौसम में अक्सर खाया जाता है। यह मौसम नवंबर से मार्च के बीच होता है, जब सरसों के पौधों से साग निकलता है. सरसों के साग को ताजा, हरा, और युवा अवस्था में खाना बेहद स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. इसे विभिन्न तरीकों से बनाया जा सकता है, जैसे कि सरसों का साग साग चावल, मक्की की रोटी, या पराठा के साथ। यह भारतीय रसोई में पसंदीदा और पौष्टिक भोजन माना जाता है, जो सर्दियों में ऊर्जा प्रदान करता है और शारीरिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करता है।

सरसों का साग किसे नहीं खाना चाहिए?

सरसों का साग निम्नलिखित लोगों को नहीं खाना चाहिए-
सरसों का साग गर्भावस्था के दौरान नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यह गर्भधारण में अधिक मात्रा में एस्ट्रोजन उत्पन्न कर सकता है, जो हानिकारक हो सकता है।
थायरॉइड रोग वाले लोग सरसों का साग मात्र उम्मीद से खा सकते हैं, लेकिन सरसों का साग ज्यादा खाने से थायरॉइड की समस्याओं को बढ़ावा हो सकता है।


पालक या सरसों का साग कौन सा बेहतर है?

पालक और सरसों का साग, दोनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं, लेकिन इनमें कुछ अंतर होते हैं-
1.पालक में फाइबर, कैल्शियम, आयरन, और विटामिन C आदि होता है, जबकि सरसों का साग में विटामिन C, विटामिन K, कैल्शियम, और आयरन होता है।
2.स्वाद का परिपर्णता व्यक्तिगत पसंद के आधार पर होता है। पालक का स्वाद अपने पकने तरीके के हिसाब से मीठा होता है, जबकि सरसों का साग थोड़ा तीखा और कढ़ीपर हो सकता है।
3.पालक की सब्जी को आमतौर पर दही या टमाटर के साथ बनाया जाता है, जबकि सरसों का साग तिल और स्पाइसी मसालों के साथ बनाया जाता है।
4.सरसों का साग आमतौर पर शाकाहारी होता है, जबकि पालक नॉनवेज और शाकाहारी दोनों के साथ बनाया जा सकता है।

सरसों के साग में कितना प्रोटीन होता है?

सरसों के साग में प्रोटीन की मात्रा प्रति सौ ग्राम के हिसाब से लगभग 2.8 ग्राम होती है। यह पौष्टिक तत्व आपके दिनचर्या में अच्छे प्रकार से शामिल किया जा सकता है और आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है। सरसों के साग को अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है ताकि प्रोटीन की आवश्यकता पूरी हो सके।

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